Class 12 Biology Chapter 4 जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) Question Answer in Hindi

Class 12 Biology Chapter 4 जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) Question Answer in Hindi: कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 4: प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हिंदी में विस्तृत प्रश्न-उत्तर चर्चाओं का अन्वेषण करें। अपनी शंकाओं का तुरंत समाधान करें।

Class 12 Biology Chapter 4 जनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) Question Answer in Hindi

अभ्यास (पृष्ठ संख्या 73-74)

प्रश्न 1 समाज में जनन स्वास्थ्य के महत्त्व के बारे में अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- समाज में जनन स्वास्थ्य का अर्थ स्वस्थ जनन अंगों व उनकी सामान्य कार्यप्रणाली से है। अतः जनन स्वास्थ्य का मतलब ऐसे समाज से है जिसके व्यक्तियों के जननअंग शारीरिक व क्रियात्मक रूप से पूर्णरूपेण स्वस्थ हों। लोगों को यौन शिक्षा के द्वारा उचित जानकारी मिलती है जिससे समाज में यौन सम्बन्धों के प्रति फैली कुरीतियाँ व भ्रांतियाँ खत्म होती हैं। जनन स्वास्थ्य के अन्तर्गत लोगों को विभिन्न प्रकार के यौन-संचारित रोगों, परिवार नियोजन के उपायों, छोटे परिवार के लाभ, सुरक्षित यौन सम्बन्ध आदि के प्रति जागरूक किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान माता की देखभाल, प्रसवोत्तर माती व शिशु की देखभाल, शिशु के लिए स्तनपान का महत्त्व जैसे महत्त्वपूर्ण जानकारियों के आधार पर स्वस्थ व जागरूक परिवार बनेंगे। विद्यालय व शिक्षण संस्थानों में प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य तथा यौन शिक्षा से आने वाली पीढ़ी सुलझी विचारधारा वाली होगी जिससे हमारा समाज व देश सशक्त होगा।

प्रश्न 2 जनन स्वास्थ्य के उन पहलुओं को सुझाएँ जिन पर आज के परिदृश्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

उत्तर- जनन स्वास्थ्य के वे पहलु, जिन पर आज के परिदृश्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

  1. लोगों के बीच सुरक्षित और स्वच्छ यौन-क्रियाओं, यौन संचारित रोगों, उपलब्ध जन्म-नियंत्रक विकल्पों, गर्भवती माताओं की देखभाल, किशोरावस्था के बारे में जागरूकता पैदा करना।
  2. लोगों को जनन संबंधी समस्याओं जैसे कि सगर्भता, प्रसव, यौन संचारित रोगों, गर्भपात, गर्भनिरोधकों, ऋतुस्राव संबंधी समस्याओं, बंध्यता आदि के बारे में चिकित्सा सहायता एवं देखभाल उपलब्ध कराना।

प्रश्न 3 क्या विद्यालयों में यौन शिक्षा आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्यों?

उत्तर- विद्यालयों में यौन शिक्षा अति आवश्यक है क्योंकि इससे छात्रों को किशोरावस्था सम्बन्धी परिवर्तनों व समस्याओं के निदान की सही जानकारी मिलेगी। यौन शिक्षा से उन्हें यौन सम्बन्ध के प्रति भ्रांतियाँ व मिथ्य धारणाओं को खत्म करने में सहायता मिलेगी; इसके साथ-साथ उन्हें सुरक्षित यौन सम्बन्ध, गर्भ निरोधकों का प्रयोग, यौन संचारित रोगों, उनसे बचाव व निदान की जानकारी प्राप्त होगी। इसके परिणामस्वरूप आने वाली पीढ़ी भावनात्मक व मानसिक रूप से समृद्ध होगी।

प्रश्न 4 क्या आप मानते हैं कि पिछले 50 वर्षों के दौरान हमारे देश के जनन स्वास्थ्य में सुधार हुआ है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के सुधार वाले कुछ क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- हाँ, पिछले 50 वर्षों के दौरान हमारे देश के जनन स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। सुधार वाले क्षेत्र हैं।

  • यौन संबंधित मामलों के बारे में बेहतर जागरूकता।
  • अधिकाधिक संख्या में चिकित्सा सहायता प्राप्त प्रसव तथा बेहतर प्रसवोत्तर देखभाल से मातृ एवं शिशु मृत्युदर में गिरावट।
  • लघु परिवार वाले जोड़ों की संख्या में वृधि।
  • यौन संचारित रोगों की सही जाँच-पड़ताल तथा देखभाल और कुल मिलाकर सभी यौन समस्याओं हेतु बढ़ी हुई चिकित्सा सुविधा।

प्रश्न 5 जनसंख्या विस्फोट के कौन-से कारण हैं?

उत्तर- जनसंख्या में वृद्धि एवं इसके कारण-

किसी भी क्षेत्र में एक निश्चित समय में बढ़ी हुई आबादी या जनसंख्या को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।

जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण शिशु मृत्युदर (Infant Mortality Rate-IMR) एवं मातृ मृत्युदर (Matermal Mortality Rate-MMR) में कमी आई है।
  2. जनन योग्य व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि का होना।
  3. अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण जीवन स्तर में सुधार होना।
  4. अशिक्षा के कारण व्यक्तियों को परिवार नियोजन के साधनों का ज्ञान न होना और परिवार नियोजन के तरीकों को पूर्ण रूप से न अपनाया जाना।
  5. वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के कारण खाद्यान्नों के उत्पादन में वृद्धि।
  6. सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों द्वारा अनेक महामारियों का समूल रूप से निवारण होना।
  7. निम्न सामाजिक स्तर के कारण अधिकांश निर्धन व्यक्ति यह विश्वास करता है कि जितने अधिक बच्चे होंगे, वे काम करके अधिक धनोपार्जन करेंगे।
  8. सामाजिक रीति-रिवाजों के कारण पुत्र प्राप्ति की चाह में दम्पति सन्तान उत्पन्न करते रहते हैं।

प्रश्न 6 क्या गर्भ निरोधकों का उपयोग न्यायोचित है? कारण बताएँ।

उत्तर- हाँ, गर्भनिरोधकों का उपयोग न्यायोचित है क्योंकि-

  • तीव्र दर से बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  • यह कामेच्छा, प्रेरणा तथा मैथुन में बाधक नहीं होता है।
  • ये अवांछित गर्भधारण को रोकने और यौन संचारित रोगों को नियंत्रित करने में सहायक भी हैं।

प्रश्न 7 जनन ग्रन्थि को हटाना गर्भ निरोधकों का विकल्प नहीं माना जा सकता है, क्यों?

उत्तर- गर्भ निरोधक के अन्तर्गत वे सभी युक्तियाँ आती हैं जिनके द्वारा अवांछनीय गर्भ को रोका जा सकता है। गर्भ निरोधक पूर्ण रूप से ऐच्छिक व उत्क्रमणीय होते हैं, व्यक्ति अपनी इच्छानुसार इनका प्रयोग बन्द करके, गर्भधारण कर सकता है। इसके विपरीत जनन ग्रन्थि को हटाने पर शुक्राणु व अण्डाणुओं का निर्माण स्थायी रूप से खत्म हो जाता है अर्थात् ये उत्क्रमणीय नहीं होते हैं। एक बार जनन ग्रन्थि के हटाने पर पुनः गर्भधारण करना असंभव होता है।

प्रश्न 8 उल्वबेधन एक घातक लिंग निर्धारण (जाँच) प्रक्रिया है, जो हमारे देश में निषेधित है। क्या यह आवश्यक होना चाहिए? टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- बढ़ती मादा भ्रूण हत्या की कानूनी रोक के लिए उल्बवेधन (Amniocentesis) जाँच (भ्रूणीय लिंग निर्धारण), लिंग परीक्षण पर वैधानिक प्रतिबंध उचित है क्योंकि यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि यह पता चलने पर कि भ्रूण मादा (लड़की) है, चिकित्सीय सगर्भता समापन (Medical termination of pregnancy) कराया जाता है, सामान्य भाषा में इसे गर्भपात (Abortion) कहा जाता है। यह पूरी तरह गैर-कानूनी है। इस प्रकार की प्रवृत्ति से बचना चाहिए क्योंकि यह माता एवं बच्चा (भ्रूण) दोनों के लिए खतरनाक है । इससे समाज में पुरुष एवं महिलाओं की संख्या का अनुपात भी बिगड़ सकता है। जिससे वैवाहिक तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रश्न 9 बन्ध्य दम्पतियों को संतान पाने हेतु सहायता देने वाली कुछ विधियाँ बताइए।

उत्तर- बन्ध्य दम्पतियों को संतान प्राप्ति हेतु सहायता देने के लिए निम्न विधियाँ हैं-

  1. परखनली शिशु (Test Tube Baby)- इसके अन्तर्गत शुक्राणु व अण्डाणुओं को इन विट्रो निषेचन कराया जाता है। तत्पश्चात् भ्रूण को सामान्य स्त्री के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। स्त्री के गर्भ में गर्भकाल की अवधि पूर्ण होने पर सामान्य रूप से शिशु का जन्म होता है।
  2. युग्मक अन्तः फैलोपियन स्थानान्तरण (Gamete Intra- Fallopian Transfer)- इस विधि का प्रयोग उन महिलाओं पर किया जाता है, जो लम्बे समय से बन्ध्य हैं। इसके अन्तर्गत लेप्रोस्कोप की सहायता से फैलोपियन नलिका के एम्पुला में शुक्राणु व अण्डाणुओं का निषेचन कराया जाता है।
  3. अन्तःकोशिकाद्रव्यीय शुक्राणु बेधन (Intra-Cytoplasmic Sperm Injection)- इसके अन्तर्गत शुक्राणुओं को प्रयोगशाला में सम्बन्धित माध्यम में रखकर प्रत्यक्ष ही अण्डाणु में बेध दिया जाता है। तत्पश्चात् भ्रूण या युग्मनज को स्त्री के गर्भाशय में स्थापित कर दिया जाता है।
  4. कृत्रिम गर्भाधान- (Artificial Inseminaion)– इसका प्रयोग उन पुरुषों पर किया जाता है। जिनमें शुक्राणुओं की कमी होती है। इस विधि मे पुरुष के वीर्य को एकत्रित करके स्त्री की योनि में स्थापित कर दिया जाता है।

इसके अतिरिक्त निसंतान दम्पति, अनाथ व आश्रयहीन बच्चों को कानूनी रूप से गोद ले सकते हैं।

प्रश्न 10 किसी व्यक्ति को यौन संचारित रोगों के सम्पर्क में आने से बचने के लिए कौन-से उपाय अपनाने चाहिए?

उत्तर- किसी व्यक्ति को यौन संचारित रोगों के संपर्क में आने से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए-

  • किसी अनजान व्यक्ति या बहुत से व्यक्तियों के साथ यौन संबंध न रखें।
  • मैथुन के समय सदैव कंडोम का इस्तेमाल करें।
  • यदि कोई आशंका है तो तुरंत ही प्रारंभिक जाँच के लिए किसी योग्य डॉक्टर से मिलें और रोग का पता चले तो पूरा इलाज कराएँ।

प्रश्न 11 निम्नलिखित वाक्य सही हैं या गलत, व्याख्या सहित बताएँ-

  1. गर्भपात स्वतः भी हो सकता है। (सही/ गलत)
  2. बन्ध्यता को जीवनक्षम संतति न पैदा कर पाने की अयोग्यता के रूप में परिभाषित किया गया है और यह सदैव स्त्री की असामान्यताओं/ दोषों के कारण होती है। (सही/ गलत)
  3. एक प्राकृतिक गर्भ निरोधक उपाय के रूप में शिशु को पूर्ण रूप से स्तनपान कराना सहायक होता है। (सही/ गलत)
  4. लोगों के जनन स्वास्थ्य के सुधार हेतु यौन सम्बन्धित पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करना एक प्रभावी उपाय है। (सही/ गलत)

उत्तर-

  1. सही।

स्पष्टीकरण: कुछ आंतरिक कारकों की वजह से गर्भपात स्वतः भी हो सकता है।

  1. गलत।

स्पष्टीकरण: दो वर्ष तक मुक्त या असुरक्षित सहवास के बावजूद गर्भाधान न हो पाने की स्थिति को बंध्यता कहते हैं और यह स्त्री या पुरूष दोनों में से किसी की भी असामान्यताओं/ दोषों के कारण होती है।

  1. सही।

स्पष्टीकरण: एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक उपाय के रूप में शिशु को पूर्णरूप से स्तनपान कराना सहायक होता है, लेकिन यह स्तनपान की अवधि तक ही सीमित होता है जो प्रसव के 6 महीने तक चलता है।

  1. सही।

स्पष्टीकरण: लोगों के जनन स्वास्थ्य के सुधार हेतु यौन संबंधित पहलुओं के बारे में जागरूकता जनन स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करता है।

प्रश्न 12 निम्न कथनों को सही कीजिए-

  1. गर्भ निरोध के शल्य क्रियात्मक उपाय युग्मक बनने को रोकते हैं।
  2. सभी प्रकार के यौन संचारित रोग पूरी तरह से उपचार योग्य हैं।
  3. सभी प्रकार के यौन संचारित रोग पूरी तरह से उपचार योग्य हैं।
  4. ई० टी० तकनीकों में भ्रूण को सदैव गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।

उत्तर-

  1. गर्भ निरोध के शल्य क्रियात्मक उपाय युग्मक परिवहन अथवा युग्मक संचार को रोकते हैं।
  2. जेनिटल हर्षीज, HIV संक्रमण, यकृत शोथ-B के अतिरिक्त शेष सभी प्रकार के यौन संचारित रोग पूरी तरह से उपचार के योग्य हैं, यदि इन्हें सही समय पर पहचान कर इलाज कराया जाये।
  3. गर्भ निरोधक गोलियाँ (पिल्स) सभी महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं।
  4. ई० टी० तकनीक में भ्रूण को हमेशा गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता है।

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