Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

Class 12 Biology Chapter 3 Question Answer: कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 3 के लिए एक विस्तृत प्रश्न-उत्तर मार्गदर्शिका का अन्वेषण करें। विशेषज्ञ समाधान के साथ अपनी शंकाओं को दूर करें.

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

अभ्यास (पृष्ठ संख्या 61-62)

प्रश्न 1 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. मानव …………… उत्पत्ति वाला है। (अलैंगिक/लैंगिक)
  2. मानव ……………. हैं। (अंडप्रजक/सजीव प्रजक/अंडजरायुज)
  3. मानव में ……………. निषेचन होता है। (बाह्य/आंतरिक)
  4. नर एवं मादा युग्मक …………… होते हैं। (अगुणित/द्विगुणित)
  5. युग्मनज ……………. होता है। (अगुणित/द्विगुणित)
  6. एक परिपक्व पुटक से अंडाणु (ओवम) के मोचित होने की प्रक्रिया को ……………. कहते हैं।
  7. अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) ……………. नामक हॉर्मोन द्वारा प्रेरित (इन्ड्यू स्ड) होता है।
  8. नर एवं स्त्री के युग्मक के संलयन (फ्यूजन) को …………… कहते हैं।
  9. निषेचन ……………. में संपन्न होता है।
  10. युग्मनज विभक्त होकर ……………. की रचना करता है जो गर्भाशय में अंतर्रोपित (इंप्लांटेड) होता है।
  11. भ्रूण और गर्भाशय के बीच संवहनीय सम्पर्क बनाने वाली संरचना को ……………. कहते हैं।

उत्तर-

  1. लैंगिक
  2. सजीव प्रजक
  3. आंतरिक
  4. अगुणित
  5. द्विगुणित
  6. अंडोत्सर्ग
  7. LH एवं FSH
  8. निषेचन
  9. फैलोपियन नलिका
  10. भ्रूण
  11. अपरा (प्लेसैन्टा)

प्रश्न 2 पुरुष जनन तन्त्र का एक नामांकित आरेख बनाएँ।

उत्तर-

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 3 स्त्री जनन तन्त्र का एक नामांकित आरेख बनाएँ।

उत्तर-

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 4 वृषण तथा अण्डाशय के बारे में प्रत्येक के दो-दो प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

वृषण के कार्य-

  1. वृषण में जनन कोशिकाओं से शुक्रजनन (spermatogenesis) द्वारा शुक्राणुओं (sperms) का निर्माण होता है।
  2. वृषण की सर्टोली कोशिकाएँ (Sertoli cells) शुक्रजन कोशिकाओं तथा शुक्राणुओं का पोषण करती हैं।
  3. वृषण की अन्तराली कोशिकाओं से एन्ड्रोजन (androgens) हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं, ये द्वितीयक लैंगिक लक्षणों (secondary sexual characters) के विकास को प्रभावित करते हैं।

अण्डाशय के कार्य-

  1. अण्डाशय की जनन कोशिकाओं से अण्डजनन द्वारा अण्डाणुओं (ova) का निर्माण होता है।
  2. अण्डाशय की ग्राफियन पुटिका (Graafian follicle) से एस्ट्रोजन हॉर्मोन (estrogen hormone) स्रावित होता है, यह अण्डोत्सर्ग (ovulation) को प्रेरित करता है।
  3. अण्डाशय में बनी संरचना कॉर्पस ल्यूटियम (corpus luteum) से स्रावित प्रोजेस्टेरोन (progesterone) हॉर्मोन गर्भाशय में निषेचित अण्डाणु को स्थापित करने में सहायक होता है।

प्रश्न 5 शुक्रजनक नलिका की संरचना का वर्णन कीजिए।

उत्तर- प्रत्येक वृषण पालिका के अंदर एक से लेकर तीन अति कुंडलित शुक्रजनक नलिकाएँ होती है जिनमें शुक्राणु पैदा किए जाते हैं। प्रत्येक शुक्रजनक नलिका का भीतरी भाग दो प्रकार की कोशिकाओं से स्तरित होती हैं, जिन्हें नर जर्म कोशिकाएँ और सर्टोली कोशिकाएँ कहते हैं। नर जर्म कोशिकाएँ अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप शुक्राणुओं का निर्माण करती हैं जबकि सर्टोली कोशिकाएँ जर्म कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती हैं। शुक्रजनक नलिकाओं के बाहरी क्षेत्र को अंतराली अवकाश कहा जाता है। इसमें छोटी-छोटी रुधिर वाहिकाएँ और अंतराली कोशिकाएँ या लीडिग कोशिकाएँ होती हैं।

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 6 शुक्राणुजनन क्या है? संक्षेप में शुक्राणुजनन की प्रक्रिया का वर्णन करें।

उत्तर- नर युग्मक (शुक्राणुओं) की निर्माण प्रक्रिया, शुक्रजनन कहलाती है। वृषण की जनन उपकला के अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा शुक्राणु बनते हैं। यह क्रिया निम्न प्रकार होती है-

  1. स्पर्मेटिड का निर्माण- यह क्रिया अग्रलिखित उप चरणों में पूरी होती है-
  1. गुणन प्रावस्था (Multiplication Phase)- प्राथमिक जनन कोशिकाएँ समसूत्री विभाजन के द्वारा विभाजित होती हैं तथा स्पर्मेटोगोनिया बनाती हैं। ये सभी कोशिकाएँ द्विगुणसूत्री (diploid) होती हैं।
  2. वृद्धि प्रावस्था (Growth Phase)- स्पर्मेटोगोनिया नर्सिंग कोशिकाओं से खाद्य पदार्थ ग्रहण करके आकार में बड़ी हो जाती हैं तथा इस अवस्था को प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट कहते हैं। यह अवस्था भी द्विगुणसूत्री होती है।
  3. परिपक्वन प्रावस्था (Maturation Phase)- प्राथमिक स्पर्मेटोसाईट में एक अर्धसूत्री विभाजन होता है जिससे द्विगुणित कोशिकाएँ बनती हैं जिन्हें द्वितीयक स्पर्मेटोसाइट कहते हैं। प्रत्येक द्वितीयक स्पर्मेटोसाइट में समसूत्री विभाजन होता है। अतः प्रत्येक प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से 4 कोशिकाएँ बनती हैं, जिन्हें स्पर्मेटिड कहते हैं।
  4. स्पर्मेटिड का कायान्तरण- स्पर्मेटिड में कुछ परिवर्तन होते हैं जिनके द्वारा शुक्राणु बनता है। ये परिवर्तन निम्न हैं-
  1. न्यूक्लिअस ठोस हो जाता है। स्पर्मेटिड से RNA निकलने के कारण केंद्रक आगे की तरफ नुकीला हो जाता है, न्यूक्लिओलस (nucleolus) तथा प्रोटीन खत्म हो जाती है।
  2. माइटोकॉण्ड्रिया (mitochondria) दूरस्थ सेन्ट्रीओल के चारों तरफ एकत्रित होकर एक आवरण बना लेता है जो शुक्राणुओं को ऊर्जा देता है। गॉल्जीकाय केंद्रक के अग्र भाग पर
  3. एक्रोसोम में परिवर्तित हो जाता है।
  4. दूरस्थ सेन्ट्रीओल एक्सोनीमा बनाता है।
  5. अधिकतर कोशिकाद्रव्य नष्ट हो जाता है, लेकिन इसका कुछ भाग शुक्राणु की पूँछ के चारों तरफ एक पर्त बना लेता है।

उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सटली कोशिकाओं के जीवद्रव्य में होती हैं। परिपक्व शुक्राणु शुक्रजनक नलिका की गुहा में छोड़ दिए जाते हैं तथा वहाँ से निकलकर लगभग 18-24 घण्टे एपीडाइडीमस (epididymus) में रहते हैं।

प्रश्न 7 शुक्राणुजनन की प्रक्रिया के नियमन में शामिल हॉर्मोनों के नाम बताइए।

उत्तर- शुक्राणुजनन की प्रक्रिया में नियमन में शामिल हॉर्मोन गोनैडोट्रॉपिन रिलीजिंग हॉर्मोन (जीएनआरएच), पीत पिंडकर (ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन/ एल एच) तथा पुटकोउद्दीपक हॉर्मोन (फॉलिकल स्टिमुलटिंग हॉर्मोन/ एफ एस एच) हैं।

प्रश्न 8 शुक्राणुजनन एवं वीर्यसेचन (स्परमिएशन) की परिभाषा लिखिए।

उत्तर- शुक्राणुजनन (Spermatogenesis)- वृषण में शुक्राणुजन कोशिकाओं से शुक्राणुओं (sperms) के बनने की क्रिया शुक्राणुजनन कहलाती है। शुक्राणुजन कोशिकाओं से अचल स्पर्मेटिड्स का निर्माण तीन अवस्थाओं में होता है, इन्हें क्रमशः गुणन प्रावस्था, वृद्धि प्रावस्था तथा परिपक्वन प्रावस्था कहते हैं। अचल स्पर्मेटिड्स (Spermatids) के चल शुक्राणुओं (motile sperms) में बदलने की प्रक्रिया को शुक्राणुजनन या शुक्राणु कायान्तरण (spermiogenesis) कहते हैं।

वीर्यसेचन (Spermiation)- शुक्राणु कायान्तरण के पश्चात् मुक्त शुक्राणुओं के शीर्ष सली कोशिकाओं (sertoli cells) में अन्त:स्थापित (embedded) हो जाते हैं। शुक्रजनक नलिकाओं से शुक्राणुओं के मोचित (released) होने की प्रक्रिया को वीर्यसेचन (spermiation) कहते हैं।

प्रश्न 9 शुक्राणु का एक नामांकित आरेख बनाइए।

उत्तर-

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 10 शुक्रीय प्रद्रव्य (सेमिनल प्लाज्मा) के प्रमुख संघटक क्या हैं?

उत्तर- शुक्रीय प्रद्रव्य (सेमिनल प्लाज्मा) के प्रमुख संघटक फ्रुक्टोज (फल शर्करा), कैल्सियम तथा कुछ प्रकिण्व (एंजाइम्स) हैं, जो पुरूष लिंग की सहायक ग्रंथियों स्राव के मिश्रण से आते है।

प्रश्न 11 पुरुष की सहायक नलिकाओं एवं ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य क्या हैं?

उत्तर- पुरुष की सहायक नलिकाओं के प्रमुख कार्य निम्न हैं-

  1. ये वृषण से शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग द्वारा बाहर लाती हैं।
  2. ये शुक्राणुओं का संग्रह करती हैं।

पुरुष की सहायक ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य निम्न हैं-

  1. पुरस्थ द्रव का स्राव करना जो शुक्राणुओं को सक्रिय करता है।
  2. काउपर्स ग्रन्थि चिपचिपा तरल स्रावित करती है जो योनि को चिकना बनाता है।
  3. नर हार्मोन उत्पन्न करना।

प्रश्न 12 अण्डजनन क्या है? अण्डजनन की संक्षिप्त व्याख्या करें।

उत्तर- मादा में अंडजननी से अंडाशय में परिपक्व अंडाणुओं के निर्माण की प्रक्रिया को अंडजनन कहते हैं। मादा भ्रूण की जर्म कोशिकाएँ अंडजननी (मातृ युग्मक कोशिकाओं) का उत्पादन करने के लिए विभाजित होती हैं। जन्म के बाद अंडजननी का निर्माण और उसकी वृद्धि नहीं होती है। कोशिकाओं के अर्धसूत्री विभाजन के पूर्वावस्था-1 में प्रविष्ट होती हैं और इस अवस्था में स्थायी तौर पर अवरूद्ध रहती हैं। इन्हें प्राथमिक अंडक कहते हैं। उसके बाद प्रत्येक प्राथमिक अंडक कणिकामय कोशिकाओं की परत से आवृत्त होती है और इन्हें प्राथमिक पुटक कहा जाता है। प्राथमिक पुटक कणिकामय कोशिकाओं के और अधिक परतों से आवृत्त हो जाते हैं तथा एक और नए प्रावरक स्तर से घिर जाते हैं जिसे द्वितीयक पुटक कहते हैं। द्वितीयक पुटक जल्द ही एक तृतीय पुटक में परिवर्तित हो जाता है। तृतीय पुटक के भीतर प्राथमिक अंडक के आकार में वृद्धि होती है और इसका पहला अर्धसूत्री विभाजन पूरा होता है। यह एक असमान विभाजन है, जिसके फलस्वरूप वृहत् अगुणित द्वितीयक अंडक तथा एक लघु प्रथम ध्रुवीय पिंड की रचना होती है। इस प्रकार द्वितीयक, प्राथमिक अंडक के पोषक से भरपूर कोशिका प्रदव्य की मात्रा को संचित रखती है।

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 13 अण्डाशय की अनुप्रस्थ काट (ट्रांसवर्स सेक्शन) का एक नामांकित आरेख बनाएँ।

उत्तर-

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 14 ग्राफी पुटिका (ग्राफियन फॉलिकिल) का एक नामांकित आरेख बनाएँ।

उत्तर-

Class 12 Biology Chapter 3 शुक्राणु की संरचना एवं प्रकार तथा वीर्य Question Answer

प्रश्न 15

निम्नलिखित के कार्य बताएँ-

  1. पीत पिंड (कॉर्पस ल्यूटियम)
  2. गर्भाशय अंत:स्तर (इंडोमैट्रियम)
  3. अग्रपिंडक (एक्रोसोम)
  4. शुक्राणु पुच्छ (स्पर्मटेल)
  5. झालर (फिम्ब्री)

उत्तर- 

  1. पीत पिंड (कॉर्पस ल्यूटियम)- यह पीत पिंछ भारी मात्रा में प्रोजेस्ट्रॉन स्रावित करता है, जो कि गर्भाशय अंत:स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
  2. गर्भाशय अंतःस्तर (इंडोमैट्रियम)- गर्भाशय अंत:स्तर निषेचित अण्डाणु के अंतर्रोपण (इम्प्लांटेशन) तथा सगर्भता की अन्य घटनाओं के लिए आवश्यक है।
  3. अग्रपिंडक (एक्रोसोम)- अग्रपिंडक उन प्रक्रिण्वों (एंजाइम्स) से भरा होता है, जो अण्डाणु के निषेचन में मदद करते हैं।
  4. शुक्राणु पुच्छ (स्पर्म टेल)- शुक्राणु के मध्य खंड में असंख्य सूत्रकणिकाएँ (माइटोकॉन्ड्रिया) होती हैं, जो पूँछ को गति प्रदान करने के लिए ऊर्जा उत्पन्न करती हैं जिसके कारण शुक्राणु को निषेचन करने के लिए आवश्यक गतिशीलता प्रदान करना सुगम बनाता है।
  5. झालर (फिम्ब्री)- अण्डोत्सर्ग के दौरान अण्डाशय से उत्सर्जित अण्डाणु को संग्रह करने में ये झालर सहायक होते हैं।

प्रश्न 16 सही या गलत को पहचानें

  1. पुंजनों (एंड्रोजेन्स) का उत्पादन सर्टोली कोशिकाओं द्वारा होता है। (सही/गलत)
  2. शुक्राणु को सर्टोली कोशिकाओं से पोषण प्राप्त होता है। (सही/गलत)
  3. लीडिग कोशिकाएँ अण्डाशय में पाई जाती हैं। (सही/गलत)
  4. लोडिग कोशिकाएँ पुंजनों (एंड्रोजेन्स) को संश्लेषित करती हैं। (सही/गलत)
  5. अण्डजनन पीत पिंड (कार्पस ल्यूटियम) में सम्पन्न होता है। (सही/गलत)
  6. सगर्भता के दौरान आर्तव चक्र (मेन्स्ट्रअल साइकिल) बंद होता है। (सही/गलत)
  7. योनिच्छद (हाइमेन) की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति कौमार्य (वर्जिनिटी) या यौन अनुभव का विश्वसनीय संकेत नहीं है। (सही/गलत)

उत्तर-

  1. गलत
  2. सही
  3. गलत
  4. सही
  5. गलत
  6. सही
  7. सही

प्रश्न 17 आर्तव चक्र क्या है? आर्तव चक्र (मेन्स्ट्रअल साइकिल) का कौन-से हार्मोन नियमन करते हैं?

उत्तर- आर्तव चक्र (Menstruation)- प्राइमेट्स के मादाओं में पाये जाने वाले जनन चक्र को आर्तव चक्र/मासिक धर्म या रजोधर्म कहते हैं। स्त्रियों में रजचक्र/रजोधर्म/ऋतुस्राव 28/29 दिन का होता है। प्रथम रजचक्र तरुणावस्था (Puberty) में प्रारंभ होता है। इसे रजो दर्शन (Menarche) कहते हैं। आर्तव चक्र के समय स्त्रियों की योनि से महीने में एक बार रक्त स्राव होता है जो 3-5 दिनों तक जारी रहता पचास वर्ष की उम्र में यह चक्र लगभग समाप्त हो जाता है। इस अवस्था को रजोनिवृत्ति (Menopause) कहते हैं । गर्भवती महिलाओं में आर्तव चक्र रुक जाता है। आर्तव चक्र का नियमन निम्नलिखित हॉर्मोन करते हैं-

  • गोनैडोट्रॉपिन
  • ऐस्ट्रोजन
  • ल्यूटीनाइजिंग हॉर्मोन
  • फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) तथा
  • प्रोजेस्ट्रॉन।

प्रश्न 18. प्रसव (पारट्यूरिशन) क्या है? प्रसव को प्रेरित करने में कौन-से हॉर्मोन शामिल होते हैं?

उत्तर- सगर्भता के अंत में गर्भ के बाहर निकलने की प्रक्रिया को शिशु-जन्म या प्रसव (पारट्युरिशन) कहते हैं।

प्रसव को प्रेरित करने में निम्नलिखित हॉर्मोन शामिल होते हैं-

  • मातृ पीयूष ग्रंथि से स्रावित ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन गर्भाशय के तीव्र संकुचन को उद्दीपित करता है जिससे शिशु, माँ के गर्भाशय से जनन नाल द्वारा बाहर आ जाता है।
  • अंडाशय से रिलैक्सिन हॉर्मोन का स्राव जन्म के समय प्रसव को आसान बनाने के लिए योनि को विस्तृत करता है।

प्रश्न 19 हमारे समाज में पुत्रियों को जन्म देने का दोष महिलाओं को दिया जाता है। बताएँ कि यह क्यों सही नहीं है?

उत्तर- स्त्री में XX गुणसूत्र तथा पुरुष में XY गुणसूत्र पाये जाते हैं। जब स्त्री का X गुणसूत्र तथा पुरुष का Y गुणसूत्र मिलते हैं तो पुत्र (XY) उत्पन्न होता है। इसके विपरीत स्त्री का X गुणसूत्र तथा पुरुष का X गुणसूत्र मिलने पर पुत्री (XX) उत्पन्न होती है। अतः उत्पन्न संतान का लिंग निर्धारण पुरुष के गुणसूत्र द्वारा होता है न कि स्त्री के गुणसूत्र से। चूंकि पुरुष में 50% X तथा 50% Y गुणसूत्र होते हैं। अतः पुरुष के गुणसूत्र का X या Y होना ही सन्तान के लिंग के लिए उत्तरदायी है। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि पुत्रियों को जन्म देने का दोष महिलाओं को देना सर्वदा गलत है।

प्रश्न 20 एक माह में मानव अण्डाशय से कितने अण्डे मोचित होते हैं? यदि माता ने समरूप जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया हो तो आप क्या सोचते हैं कि कितने अण्डे मोचित हुए होंगे? क्या आपका उत्तर बदलेगा यदि जन्मे हुए जुड़वाँ बच्चे द्विअण्ड यमज थे?

उत्तर- एक माह में मानव अंडाशय से केवल एक अंडा मोचित होता है। यदि माता ने समरूप जुड़वां बच्चों को जन्म दिया हो तो एक ही अंडा मोचित हुआ होगा। यदि जुड़वां बच्चे, द्विअंडज यमज थे, तो दो या दो से अधिक अंडे मोचित हुए होंगे।

प्रश्न 21 आप क्या सोचते हैं कि कुतिया जिसने 6 बच्चों को जन्म दिया है, के अण्डाशय से कितने अण्डे मोचित हुए थे?उत्तर- कुतिया जिसने 6 बच्चों को जन्म दिया है, के अण्डाशय से 6 अण्डे मोचित हुए थे।

Class 12 Biology All Chapter Notes and Que & Ans